ए गंगा किनारे तेरे बगियामे हम चल ए गंगा किनारे तेरे बगियामे हम चल ना साम होना सुबारे तेरे संही हम सागरके और चल पढे ए गंगा किनारे तेरे बगियामे हम चल ना दुख होगी ना होगी मजबुरिया थरथरराती ये जल सी छाल होगी इन्तजार हे सफर कि एक सुबाह और नया आगम होगी ए गंगा किनारे तेरे बगियामे हम चल ना रुके तु,ना टुटे तु ये सफर ये पल ये यौवन ना देना डुबा फिरसे तैराने पढे ना जाने किस मोड पे हम,ना किनारे देखे नाही मञ्जिल ए गंगा किनारे तेरे बगियामे हम चल
Comments
Post a Comment